सुनीति (बौद्ध)

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सुनीति जाति का भंगी था। एक बार इसने भगवान बुद्ध को अपने शिष्यों के साथ जाते हुए देखा तो इसने दौड़कर उनके पैर पकड़ लिए। बुद्ध ने इसे अपना शिष्य बना लिया।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दीक्षा की भारतीय परम्पराएँ (हिंदी), 87।

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