सीमा सड़क विकास मण्डल

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सीमा सड़क विकास मण्डल (बी.आर.डी.बी.) भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क संचार व्यवस्था के विकास के लिए मार्च, 1960 में स्थापित किया गया था। क्योंकि सीमावर्ती क्षेत्रों में अपर्याप्त संचार सुविधाओं के कारण सुरक्षा व्यवस्थाओं की तैयारियों एवं आर्थिक विकास में अत्यन्त बाधाएँ आ रही थी। बोर्ड के पास सरकार के विभाग की वित्तीय एवं अन्य शक्तियाँ हैं, जो 'सीमा सड़क विकास मण्डल' के अध्यक्ष के समस्त निर्देशों एवं नियंत्रणाधीन कार्यरत है। बोर्ड की सभी स्वीकृतियाँ बोर्ड के सचिवालय द्वारा तैयार की जाती हैं, जिसे पोत परिवहन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में पदेन सचिवालय स्तर का दर्जा दिया गया है, जो निधियाँ प्रदान करता है।

संरचना

अपनी स्थापना के समय पंडित जवाहरलाल नेहरू 'सीमा सड़क विकास मंडल' के पहले अध्यक्ष और रक्षामंत्री बोर्ड के उपाध्यक्ष थे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, मंत्रिमण्डलीय सचिव, थल सेनाध्यक्ष, रक्षा सचिव, गृह सचिव, सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, सचिव, विदेश मंत्रालय, वित्तीय सलाहकार, रक्षा सेवाएँ और महानिदेशक सीमा सड़क विकास बोर्ड के प्रमुख सदस्य होते हैं। सचिव, सीमा सड़क विकास मंडल, सीमा सड़क विकास मंडल के सदस्य सचिव हैं।

कार्य

सीमा सड़क विकास मण्डल के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. सीमावर्ती क्षेत्रों के संचार विकास के लिए प्राथमिकता और योजनाएँ एवं नीतियाँ तैयार करना।
  2. सीमा सड़क संगठन के वार्षिक कार्य एवं अधिप्राप्ति योजना को अनुमोदन करना।
  3. रक्षा मंत्रालय (वित्त) के परामर्श के अनुसार कार्य निष्पादन के लिए आवश्यक निधि की व्यवस्था करना।
  4. कार्यों की प्रगति पर नजर रखना और कार्य प्रगति की समीक्षा करना।
  5. सीमा सड़क संगठन की स्थापना को अनुमोदन करना।

बजट

सीमा सड़क विकास मंडल का बजट एक गैर नियोजित बजट है, जिसको वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवा) के परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया जाता है एवं वित्त मंत्रालय द्वारा पोत परिवहन, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के गैर नियोजित बजट में सम्मिलित किया जाता है। सीमा सड़क संगठन द्वारा किए गए कार्य निष्पादन के लिए 1200 करोड़ रुपये के बजट को वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था। आर. ई. 2008-2009 में बजट को पुनरीक्षित कर 1500 करोड़ रुपये कर दिया गया।

कार्य निष्पादन

  1. सीमा सड़क संगठन द्वारा कार्य निष्पादन किए जाते हैं, जो कि स्वयं में परिपूर्ण एजेन्सी है और इसके पास अपने स्वयं की मानव शक्ति एवं मशीनरी हैं और जो अपनी निर्माण मशीनरी के रख-रखाव का प्रबंध करता है तथा अपने कर्मचारियों को चिकित्सा, डाक, आपूर्ति और संचार सुविधाएँ मुहैया कराता है।
  2. महानिदेशक, सीमा सड़क जो कि सीमा सड़क विकास मंडल के तकनीकी सलाहकार हैं, के निर्देशन में सीमा सड़क संगठन द्वारा कार्य विभागीय तौर पर किए जाते हैं।
  3. सीमा सड़क संगठन की 17 परियोजनाएँ हैं, जिनमें सेना तथा ग्रेफ के कर्मचारी शामिल हैं।
  4. सभी परियोजनाओं में बेहतर कार्यकुशलता के लिए बाह्य स्त्रोतों से कार्य लेने के लिए सीमा सड़क संगठन प्राधिकृत है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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