वितस्तात्र

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वितस्तात्र कश्मीर का ऐतिहासिक स्थान था। कश्मीर के प्रसिद्ध इतिहास लेखक कल्हण के अनुसार[1] मौर्य वंश के सम्राट अशोक ने कश्मीर में 'शुष्कलेत्र' और 'वितस्तात्र' नामक स्थानों पर अगणित स्तूप बनवाए थे।

  • वितस्तात्र के धर्मारण्य विहार के भीतर अशोक ने जो चैत्य बनवाया था, उसकी ऊंचाई इतनी अधिक थी कि दृष्टि वहाँ तक पहुंच ही नहीं पाती थी।
  • इस प्राचीन स्थान का अभिज्ञान अनिश्चित है, किंतु नाम से जान पड़ता है कि यह नगर वितस्ता या झेलम नदी के तट पर स्थित रहा होगा।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 'राजतरंगिणी' 1, 102-106
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 854 |

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