मैं अपनौ मनभावन लीनों॥ इन लोगन को कहा कीनों, मन दै मोल लियो री सजनी॥ रत्न अमोलक नंददुलारो, नवल लाल रंग भीनों॥ कहा भयो सबके मुख मोरे, मैं पायो पीव प्रवीनों॥ रसिक बिहारी प्यारो प्रीतम, सिर बिधना लिख दीनों॥