मृणालिनी साराभाई का परिचय

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मृणालिनी साराभाई का परिचय
मृणालिनी साराभाई
पूरा नाम मृणालिनी साराभाई
जन्म 11 मई, 1918
जन्म भूमि केरल
मृत्यु 21 जनवरी, 2016
मृत्यु स्थान अहमदाबाद, गुजरात
अभिभावक पिता- डॉ. स्वामीनाथन, माता- अम्मू स्वामीनाथन
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र शास्त्रीय नृत्य
पुरस्कार-उपाधि 'पद्मभूषण', 'पद्मश्री', 'कालिदास सम्मान' (1996-97)।
प्रसिद्धि शास्त्रीय नृत्यांगना
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख विक्रम साराभाई, लक्ष्मी सहगल
अन्य जानकारी मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ़ थीं।

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शास्त्रीय नृत्य के अलावा मृणालिनी साराभाई एक कवियित्री, लेखक और पर्यावरणविद् भी थीं। उन्होंने 300 से ज़्यादा नृत्य प्रस्तुतियों को मंच पर कोरियोग्राफ किया। उनकी नृत्य प्रस्तुति के दौरान अकसर प्रधानमंत्रीराष्ट्रपति को भी देखा जाता था।

मृणालिनी साराभाई का जन्म भारतीय राज्य केरल में 11 मई, 1918 को हुआ था। उनके पिता डॉ. स्वामीनाथन मद्रास हाईकोर्ट में बैरिस्टर थे। मां अम्मू स्वामीनाथन स्वतंत्रता सेनानी थीं, जो बाद में देश की पहली संसद की सदस्य भी रहीं। बहन लक्ष्मी सहगल सुभाषचंद्र बोस के साथ थीं। मृणालिनी ने बचपन का अधिकांश समय स्विट्जरलैंड में बिताया। यहां 'डेलक्रूज स्‍कूल' से उन्‍होंने पश्चिमी तकनीक से नृत्‍य कलाएं सीखीं।[1] फिर उन्होंने रबींद्रनाथ टैगोर की देख-रेख में शांति निकेतन में शिक्षा ग्रहण की और यहीं से नृत्य उनकी जिंदगी बन गया। उनके पति विक्रम साराभाई देश के सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे। उनकी बेटी मल्लिका साराभाई भी प्रसिद्ध नृत्यांगना और समाजसेवी हैं। मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जानी जाती हैं। वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ़ थीं।

मृणालिनी साराभाई जब 24 साल की थीं, तब उन्होंने विक्रम साराभाई को अपना जीवन साथी चुना। इसके पीछे का क़िस्सा दिलचस्प है। बैंगलोर में मृणालिनी साराभाई का रंगप्रवेश हुआ था। रंगप्रवेश यानी मंच पर पहली बार विधिवत नृत्य। किसी भी कलाकार के जीवन में उस शहर का खास महत्व होता है, जहां उसका रंगप्रवेश हुआ हो। इसी शहर में कुछ दिनों बाद उनकी मुलाकात विक्रम साराभाई से हुई। विक्रम साराभाई जाने-माने वैज्ञानिक थे। उन्हें ‘फादर ऑफ इंडिया स्पेस प्रोग्राम’ कहा जाता है। विज्ञान में डांस या डांस में विज्ञान कहां से आया, नहीं मालूम, लेकिन दोनों ने जिंदगी साथ बिताने का फैसला किया।[1]

ये फैसला आसान नहीं था, क्योंकि शादी के बाद मृणालिनी साराभाई को अहमदाबाद में रहना था। दोनों शहरों की संस्कृति में जमीन आसमान का फर्क था; लेकिन मृणालिनी अहमदाबाद गईं। नए रंग-ढंग में खुद को ढालने में इतना ही वक्त लगा कि 6 साल के भीतर-भीतर उन्होंने वहां ‘दर्पण’ नाम की संस्था की शुरूआत की। मृणालिनी साराभाई की संस्था में तमाम गुजराती लोगों ने नृत्य सीखा। इस दौरान डांस के साथ-साथ वह कोरियोग्राफी करती रहीं। कविताएं लिखीं, कहानियां लिखीं, बच्चों के लिए भी लिखा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 पद्मभूषण सुप्रसिद्ध नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का निधन (हिन्दी) नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का निधन। अभिगमन तिथि: 21 जनवरी, 2016। सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "aa" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है

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