ब्रह्मयज्ञ

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ब्रह्मयज्ञ का अर्थ वेदों और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन है। इन ग्रंथों को दूसरों को पढ़ाना यानि अध्यापन कार्य करना भी ब्रह्मयज्ञ है।

  • नियमित यह यज्ञ कर्म करने से बुद्धि बढ़ती है।
  • इस यज्ञ के द्वारा पवित्र विचारों का हृदय में उदय होता है।
  • गायत्री मंत्र के जाप से भी ब्रह्मयज्ञ पूर्ण होता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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