बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं -दुष्यंत कुमार

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बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं -दुष्यंत कुमार
दुष्यंत कुमार
कवि दुष्यंत कुमार
जन्म 1 सितम्बर, 1933
जन्म स्थान बिजनौर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 30 दिसम्बर, 1975
मुख्य रचनाएँ अब तो पथ यही है, उसे क्या कहूँ, गीत का जन्म, प्रेरणा के नाम आदि।
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दुष्यंत कुमार की रचनाएँ

बाढ़ की संभावनाएँ सामने हैं,
और नदियों के किनारे घर बने हैं।

        चीड़-वन में आँधियों की बात मत कर,
        इन दरख्तों के बहुत नाजुक तने हैं।

इस तरह टूटे हुए चेहरे नहीं हैं,
जिस तरह टूटे हुए ये आइने हैं।

        आपके कालीन देखेंगे किसी दिन,
        इस समय तो पाँव कीचड़ में सने हैं।

जिस तरह चाहो बजाओ इस सभा में,
हम नहीं हैं आदमी, हम झुनझुने हैं।

        अब तड़पती-सी गजल कोई सुनाए,
        हमसफर ऊँघे हुए हैं, अनमने हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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