परिमार्जन नेगी
परिमार्जन नेगी
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पूरा नाम | परिमार्जन नेगी |
जन्म | 9 फ़रवरी, 1993 |
जन्म भूमि | उत्तराखण्ड, भारत |
अभिभावक | पिता- जे.बी. सिंह, माता- परिधि डी. नेगी |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | शंतरज |
विद्यालय | एमिटी इन्टरनेशनल स्कूल, साकेत (दिल्ली) |
प्रसिद्धि | भारतीय शंतरज खिलाड़ी |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | मैनुअल आरों, विश्वनाथन आनंद |
अन्य जानकारी | परिमार्जन नेगी ग्रैंड मास्टर का ख़िताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी है। वर्ष 2005 में परिमार्जन विश्व के सबसे कम उम्र के ‘इन्टरनेशनल मास्टर’ बने। |
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परिमार्जन नेगी (अंग्रेज़ी: Parimarjan Negi, जन्म- 9 फ़रवरी, 1993, उत्तराखण्ड, भारत) प्रसिद्ध ग्रैंड मास्टर खिलाड़ी हैं। वे ग्रैंड मास्टर का ख़िताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी है। वर्ष 2005 में परिमार्जन नेगी विश्व के सबसे कम उम्र के ‘इन्टरनेशनल मास्टर’ बने। 2002 में परिमार्जन ने तेहरान में 10 वर्ष से कम आयु वर्ग की एशियाई चैंपियनशिप में पहली बार अन्तरराष्ट्रीय सफलता प्राप्त की थी।
परिचय
परिमार्जन नेगी का जन्म 9 फ़रवरी सन 1993 को प्रकृति के मनोरम दृश्यों से भरपूर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड में हुआ था। उनकी माँ का नाम परिधि डी. नेगी है तथा पिता का नाम जे.बी. सिंह है। वह एमिटी इन्टरनेशनल स्कूल, साकेत (दिल्ली) के छात्र हैं। वह सुर्खियों में तब आए, जब उन्होंने बहुत कम उम्र में ग्रैंडमास्टर खिताब जीत लिया और इस खिताब को जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए।[1]
अन्तरराष्ट्रीय सफलता
मात्र 4 वर्ष की आयु में शतरंज का खेल शुरू करने वाले परिमार्जन ने जल्दी ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी। उन्होंने अपनी पहली अन्तरराष्ट्रीय सफलता 2002 में प्राप्त की, जब तेहरान में वह 10 वर्ष से कम आयु वर्ग के एशियाई खिलाड़ियों में विजेता बने। जुलाई, 2005 में परिमार्जन नेगी विश्व के सबसे युवा ‘इन्टरनेशल मास्टर’ बन गए। स्पेन के सार्ट में हुए ‘इन्टरनेशनल ओपन’ में उन्होंने अपना तीसरा व फाइनल आई एम नार्म अर्जित किया।
कम उम्र के दूसरे ग्रैंडमास्टर
1 जुलाई, 2006 को परिमार्जन आज तक के सबसे कम उम्र के दूसरे ग्रैंडमास्टर बने, उनके अलावा सर्जी कर्जाकिन उनसे भी कम उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए थे। यह खिताब उन्होंने रूस में सत्का नामक स्थान पर चेल्याविंसक रीजन सुपरफाइनल चैंपियनशिप में अपने तीसरे व फाइनल जी.एम. नार्म के रूप में पाया। यह खिताब जीतने पर उन्होंने अन्य भारतीय खिलाड़ी पी. हरिकृष्णा का सबसे कम उम्र का ग्रैंड मास्टर होने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मई, 2007 में परिमार्जन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व युवा स्टार शतरंज टूर्नामेंट के पांचवें दौर में जूनियर चैंपियन जावेन आंद्रियासियन को ड्रा पर रोक दिया। इससे परिमार्जन की संयुक्त बढ़त बन गई।[1]
उपलब्धियां
- परिमार्जन नेगी भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतने वाले खिलाड़ी है।
- राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी उपस्थिति मात्र 4 वर्ष की आयु में दर्ज कराई।
- 2002 में परिमार्जन ने तेहरान में 10 वर्ष से कम आयु वर्ग की एशियाई चैंपियनशिप में पहली बार अन्तरराष्ट्रीय सफलता प्राप्त की।
- जुलाई, 2005 में स्पेन के सॉर्ट में अन्तरराष्ट्रीय ओपन में परिमार्जन ने अपना तीसरा व फाइनल इन्टरनेशल नार्म (आई एम) स्कोर करके ‘विश्व का सबसे कम उम्र का इन्टरनेशनल मास्टर’ बनने की उपलब्धि हासिल की।
- 1 जुलाई, 2005 को परिमार्जन आज तक के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 परिमार्जन नेगी का जीवन परिचय (हिंदी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 10 सितम्बर, 2016।
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