त्रिजुगीनारायण

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त्रिजुगीनारायण गढ़वाल ज़िला, उत्तराखंड में केदारनाथ से बदरीनाथ जाने वाले मार्ग पर स्थित पुराण प्रसिद्ध तीर्थ है। यह समुद्रतल से साढ़े नौ फुट की ऊँचाई पर स्थित है।

  • त्रिजुगीनारायण में ब्रह्मकुंड, विष्णुकुंड, रुद्रकुंड और सरस्वतीकुंड नामक चार सरोवर हैं।
  • इन सरोवरों के पास ही नारायण का एक मंदिर है।
  • एक स्थान पर निरंतर अग्नि प्रज्वलित रहती है। किंवदंती है कि यहीं शिव-पार्वती का विवाह संस्कार सम्पन्न हुआ था।
  • कुमारसंभव[1] में शिव-पार्वती के विवाह में अग्नि को साक्षी रूप में माना है-

'वधूं द्विज: प्राह तदैव वत्से वह्लिर्विवाहं प्रतिकर्मसाक्षी, शिवेन भर्त्रा सह धर्मचर्या कायां त्वयामुक्तविचारयेति'

  • संभवत: इसी पुण्य अग्नि के संस्मारक के रूप में इस स्थान पर सदा अग्नि प्रज्वलित रखी जाती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 416 |

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