छिमा बड़ेन को चाहिए -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

छिमा बड़ेन को चाहिए , छोटन को उतपात ।
का ‘रहीम’ हरि को घट्यो, जो भृगु मारी लात ॥

अर्थ

बड़े आदमियों को क्षमा शोभा देती है। भृगु मुनि ने विष्णु को लात मार दी, तो उससे उनका आदर कहाँ कम हुआ?


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख