कैलाश विजयवर्गीय

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कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय
जन्म 13 मई, 1956
जन्म भूमि इन्दौर, मध्य प्रदेश
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी 'भारतीय जनता पार्टी'
शिक्षा बी.एस.सी. और एल.एल.बी.
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी
पुरस्कार-उपाधि 'राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार', 'बिल्डिंग इंडस्ट्रीज़ लीडरशिप अवार्ड'
अन्य जानकारी दिसम्बर, 2008 में आप 13वीं विधानसभा के निर्वाचन में इंदौर की महू सीट से विजय प्राप्त करने के बाद ज़िले से लगातार पाँचवीं बार विधायक बनने वाले पहले उम्मीदवार बने।
अद्यतन‎ 6:12, 25 सितम्बर-2012 (IST)

कैलाश विजयवर्गीय (अंग्रेज़ी: Kailash Vijayvargiya, जन्म: 13 मई 1956, इन्दौर, मध्य प्रदेश) राजनीति में ख़ासा महत्त्व रखने वाले राजनेता हैं। वे 'भारतीय जनता पार्टी' (भाजपा) से जुड़े हुए हैं. और मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। कैलाश विजयवर्गीय राज्य सरकार में उद्योग और रोज़गार मंत्री नियुक्त हैं। उन्होंने 'मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ' के लिए भी चुनाव लड़ा था, किंतु भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया और वे केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य माधराव सिंधिया से पराजित हुए। सन 2000 से 2003 तक वे इन्दौर के मेयर भी रहे। कैलाश जी का राजनीति में आगमन विद्यार्थी परिषद के माध्यम से हुआ था।

शिक्षा तथा राजनीति में प्रवेश

कैलाश विजयवर्गीय का जन्म 13 मई, 1956 को इन्दौर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा बी.एस.सी. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त कर पूर्ण की थी। कैलाश जी 1975 से विद्यार्थी परिषद के माध्यम से राजनीति में आये। वे 1983 में इंदौर नगर निगम के पार्षद और 1985 में स्थायी समिति के अध्यक्ष बने। वे 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के प्रदेश मंत्री तथा 'भारतीय जनता पार्टी', इंदौर के संगठन महामंत्री और भाजपा प्रदेश विधि प्रकोष्ठ के संयोजक रहे। कैलाश जी 1985 में विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश संयोजक बने और 1992 में 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा वर्ष 1993 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री व गुजरात के प्रभारी रहे।[1]

विधानसभा सदस्य

कैलाश विजयवर्गीय 1990, 1993, 1998 तथा 2003 में विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। दिसम्बर, 2008 में वे तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में इंदौर की महू सीट से विजय प्राप्त करने के बाद ज़िले से लगातार पाँचवीं बार विधायक बनने वाले पहले उम्मीदवार बने। कैलाश जी ने कांग्रेस के उम्मीदवार अतरसिंह दरबार को 9,791 मतों से मात दी। उन्हें कुल 67 हज़ार, 192 वोट प्राप्त हुए थे, जबकि अतरसिंह दरबार को 57 हज़ार, 401 मत प्राप्त हुए। यह इलाका संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि और सेना की छावनी स्थित होने से देश के नक्शे पर ख़ास स्थान रखता है। कैलाश विजयवर्गीय विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति एवं लोक लेखा समिति के भी सदस्य रहे हैं। वे वर्ष 2000 में इंदौर नगर पालिक निगम के महापौर पद पर महानगर के मतदाताओं द्वारा सीधे निर्वाचित प्रथम महापौर रहे। इसी वर्ष 'अखिल भारतीय महापौर परिषद' के वे उपाध्यक्ष तथा अध्यक्ष भी मनोनीत हुए।

विदेश यात्रा

वर्ष 2001 में कैलाश जी पुन: 'अखिल भारतीय महापौर परिषद' के अध्यक्ष मनोनीत हुए तथा इसी वर्ष 'होनोलुलू' (अमेरिका) में विश्व महापौर सम्मेलन में श्रेष्ठ महापौर के रूप में उन्हें पुरस्कृत किया गया। इसी वर्ष उन्हें 'विश्व पृथ्वी सम्मेलन' की तैयारी समिति के सदस्य के रूप में चीन आमंत्रित किया गया। आपके द्वारा इंदौर नगर में पर्यावरण सुधार के लिये किये गये उत्कृष्ट कार्यों के संबंध में इंदौर को भारत की सरकार द्वारा वर्ष 2002 में 'क्लीन सिटी-ग्रीन सिटी पुरस्कार' प्रदान किया गया। इसी वर्ष कैलाश जी को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने जन सहयोग से नगरीय विकास के अनुभव बांटने के लिये आमंत्रित किया। इसके बाद उन्हें गारलेंड सिटी (अमेरिका) द्वारा सहभागिता से नगरीय विकास के अनुबंध के लिये आमंत्रित किया गया। 2003 में कैलाश जी 'दक्षिण एशिया महापौर सम्मेलन' के अध्यक्ष मनोनीत हुए तथा इसी वर्ष उन्होंने 'विश्व पृथ्वी सम्मेलन', डरबन (दक्षिण अफ़्रीका) में भारतीय स्वैच्छिक संगठन दल का नेतृत्व किया।[1]

पुरस्कार व सम्मान

कैलाश विजयवर्गीय को 2006 में संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा निर्धारित सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये जनमत निर्माण के महत्त्वपूर्ण प्रयासों के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा सम्मानित किया गया। कैलाश जी के प्रयासों से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए उत्कृष्ट कार्यों के लिये वर्ष 2007 में मध्य प्रदेश को तीन प्रतिष्ठापूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए। कैलाश जी को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शांति प्रयासों के लिये 'राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार' से भी नवाज़ा गया। कैलाश विजयवर्गीय को प्रतिष्ठित 'बिल्डिंग इंडस्ट्रीज़ लीडरशिप अवार्ड' भी प्राप्त हो चुका है।

केबिनेट मंत्री

8 दिसम्बर, 2003 को कैलाश विजयवर्गीय को केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। उन्हें लोक निर्माण, संसदीय कार्य, नगरीय प्रशासन एवं विकास[2] विभाग का दायित्व सौंपा गया। 1 जुलाई, 2004 को कैलाश जी को धार्मिक न्यास, धर्मस्व एवं पुनर्वास विभाग भी सौंपा गया। कैलाश जी को 27 अगस्त, 2004 को मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में पुन: शामिल कर लोक निर्माण विभाग का दायित्व सौंपा गया। कैलाश विजयवर्गीय को 4 दिसम्बर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में पुन: केबिनेट मंत्री के रूप में शामिल कर उन्हें लोक निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभागों का दायित्व भी सौंपा गया।[1]

कैलाश विजयवर्गीय ने वर्ष 2008 में अंबेडकरनगर, महू से भारी मतों से विजयी प्राप्त की, जिसके बाद वे पुन: पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए। उन्हें दिनांक 20 दिसम्बर, 2008 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमण्डल में शामिल कर मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 कैलाश विजयवर्गीय (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 सितम्बर, 2012।
  2. केवल सिंहस्थ-कुंभ संबंधित कार्य

बाहरी कड़ियाँ

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