कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल। चरन-चपल गति लोचन लेल।। अब सब अन रह आँचर हाथ लाजे सखीजन न पूछय बात।। कि कहब माधव वयसक संधि। हेरइत मानसिज मन रहु बंधि।। तइअओ काम हृदय अनुपाम। रोपल कलस ऊँच कम ठाम।। सुनइत रस-कथा थापय चीत। जइसे कुरंगिनि सुय संगीत।। सैसव जीवन उपजल बाद। केओ नहि मानय जय अवसाद।। विद्यापति कौतुक बलिहारि। सैसव से तनु छोडनहि पारि।।