ऑस्कर पुरस्कार

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ऑस्कर पुरस्कार

ऑस्कर पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (एएमपीएएस) द्वारा फ़िल्म जगत् के क्षेत्र में प्रदान किया जाता है। इसके तहत अलग-अलग कई श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाता है। सिनेमा जगत की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि ऑस्कर पुरस्कार का इतिहास क़रीब 95 साल पुराना है। फ़िल्मों के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ऑस्कर पुरस्कारों से सम्मानित करने का सिलसिला 1929 से जारी है जब सिनेमा जगत् अपने शुरुआती दौर में था। सुश्री भानु अथैया प्रथम भारतीय थीं जिन्हें यह पुरस्कार दिया गया। इसे एकेडेमी अवार्ड के नाम से भी जाना जाता है। इस पुरस्कार समारोह का प्रसारण दुनिया के क़रीब 200 देशों में किया जाता है।

पहला समारोह

16 मई 1929 को हॉलीवुड के रूजवेल्ट होटल में प्रथम ऑस्कर पुरस्कार प्रदान किए गए थे जिसमें कुल 250 लोग मौजूद थे और टिकट की कीमत थी 10 डॉलर जो उस समय के अनुसार अत्यधिक महंगी हुआ करती थी। उस समय ऑस्कर पुरस्कारों की संख्या 15 थी। ऑस्कर पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए न्यौता भेजा जाता है। इसके टिकटों की बिक्री का प्रावधान नहीं है।

पुरस्कार के प्रतीक चिह्न

पुरस्कार के प्रतीक चिह्न के रूप में भेंट की जाने वाली ऑस्कर प्रतिमा का आधिकारिक नाम एकेडमी अवार्ड ऑफ मेरिट है। एमजीएम के कला निदेशक सेड्रिक गिबॉन्स ने ऑस्कर प्रतिमा का शुरुआती डिजायन तैयार किया था। ऑस्कर ट्रॉफी तैयार करने के लिए उन्हे एक मॉडल की ज़रूरत थी। इसी समय गिबॉन्स की पत्नी डोलोरेस डेल रियो ने मेक्सिकन फ़िल्म निर्देशक एमिलियो एल इंडियो फर्नाडे से उनका परिचय कराया और फर्नाडे को प्रतिमा के लिए मॉडल बनाए जाने की बात कही। आरंभ में फर्नाडे मॉडल बनने के लिए राजी नहीं थे, पर अंतत: वह इसके लिए न्यूड पोज देने पर सहमत हो गए। जार्ज स्टेनले नामक मूर्तिकार ने पहले क्ले से ऑस्कर प्रतिमा तैयार की, बाद में इसी की तर्ज पर धातु की गोल्ड प्लेटेड ऑस्कर प्रतिमा तैयार की गई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तीन साल तक धातु के बजाय क्ले की ऑस्कर प्रतिमा तैयार की गई थी। बाद में पुन: धातु की ऑस्कर प्रतिमा प्रदान करने का चलन शुरू किया गया। वर्ष 1950 से यह क़ानूनी प्रावधान सुनिश्चित किया गया है कि ऑस्कर पुरस्कार विजेता अथवा उसका स्वामित्व रखने वाले शख़्स को ऑस्कर प्रतिमा बेचने का अधिकार नहीं है। यदि वे चाहे, तो धन के बदले अकादमी को ऑस्कर प्रतिमा लौटा सकते है। हालांकि इस प्रावधान के बावजूद ऑस्कर प्रतिमा बेचने के कई वाकये सामने आए है।

ऑस्कर पुरस्कार समारोह में देरी

ऑस्कर पुरस्कारों के अब तक के इतिहास में मात्र तीन बार पुरस्कारों का आयोजन समय पर नहीं हो सका। पहला मौक़ा था जब 1938 में लॉस ऐंजिल्स में भारी बाढ़ के कारण ऑस्कर पुरस्कार समारोह एक हफ्ते देरी से आयोजित किया गया। इसके पश्चात् 1968 में मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के कारण शोक में पुरस्कार समारोह का आयोजन 8 अप्रैल के बजाय 10 अप्रैल को किया गया। 1981 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की हत्या के प्रयास के कारण तीसरी बार ऑस्कर पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन निर्धारित समय से 24 घंटे देरी यानी एक दिन की देरी से किया गया।

इनाम की घोषणा

मौजूदा समय में जैसा कि आखिरी वक्त तक किसी को खबर नहीं हो पाती कि यह अवार्ड किस फ़िल्म को मिलेगा। वहीं पहले समय में इनाम की घोषणा पहले ही कर दी जाती थी। वर्ष 1929 से चले आ रहे ऑस्कर अवार्ड में वर्ष 1940 में जाकर कुछ तब्दीलियां की गई। जैसे कि पहले विजेता फ़िल्म के नाम की घोषणा में कोई ख़ास एहतियात नहीं बरती जाती थी, पहले ही पता चल जाता था कि किस फ़िल्म को अवार्ड मिलने वाला है। लेकिन 1940 में सीलबंद लिफाफे की परंपरा शुरू हुई जो आज तक चल रही है, जब तक मंच से घोषणा नहीं हो जाती, किसी को पता नहीं होता कि इनाम किसे मिलने वाला है।

टीवी प्रसारण

वर्ष 1953 में पहली बार ऑस्कर पुरस्कार समारोह का प्रसारण टेलीविजन पर किया गया था। इससे पहले केवल खबरों में इस अवार्ड के बारे में जानने को मिलता था। 1953 में इस समारोह की रिकार्डिंग करके अगले दिन टीवी पर प्रसारित की जाती थी। 1961 में पहली बार एनबीसी टीवी ने ऑस्कर पुरस्कार समारोह का सीधा प्रसारण किया। वर्ष 1966 में पहली बार ऑस्कर पुरस्कार का सीधा रंगीन प्रसारण हुआ था और 1961 से लेकर 1975 तक एनबीसी ने ऑस्कर समारोह का प्रसारण किया। बाद में ऑस्कर के प्रसारण का अधिकार एबीसी ने ख़रीद लिया और उसके पास इस समारोह का प्रसारण 2008 तक करने का अधिकार था। ऑस्कर पुरस्कार समारोह की ख़ास बात ये भी रही ये कभी भी लंबे समय तक एक स्थान पर आयोजित नहीं किया गया है। ऑस्कर समारोह का आयोजन सबसे अधिक बार श्राइन थिएटर और लॉस एंजेल्स के म्युजिक सेंटर में आयोजित किया जाता है जहां बड़ी संख्या में लोग बैठ सकते हैं। ऑस्कर समारोह हर साल अपने साथ लाता है वर्ष भर की बेहतरीन फ़िल्मों की झलकियां, कुछ ग्लैमर, फैशन और उन लोगों से रूबरू होने का मौक़ा जिन्होंने अपने उत्कृष्ट काम से सबको विश्व स्तरीय सिनेमा देखने के लिए दिया। इसी चकाचौंध के बीच हर साल कुछ खट्टी-मीठी-कड़वी और अटपटी बातें भी घटती हैं।

लाल कार्पेट

इसके आयोजन में लाल कार्पेट सजाने के लिए 14 हज़ार वर्ग फीट की जगह चाहिए होती है- आखिरी में ऑस्कर रेड कार्पेट की परेड दुनिया की सबसे ग्लैमरस 'फैशन परेड' कही जाती है। और इसकी सजावट में क़रीब 60 हज़ार फूलों की ज़रूरत पड़ती है। वहां सात फुट ऊंची ऑस्कर की मूर्तियां रखी जाती हैं जिन पर आयोजन से पहले सोने की परत चढ़ाई जाती है।

मेजबानी

ऑस्कर समारोह को मनोरंजक बनाए रखना भी अपने आम में चुनौतीपूर्ण काम होता है। ऑस्कर में प्रस्तुति देना और परफॉर्म करना कोई आम बात नहीं है। लेकिन इस मेहनत के लिए आमतौर पर इन हस्तियों को विशेष तोहफे भी मिलते हैं जिनकी कीमत एक लाख डॉलर तक हो सकती है। वैसे ऑस्कर की सबसे ज़्यादा बार मेजबानी करने का रिकॉर्ड बॉब होप के नाम है जिन्होंने 17 बार मेजबानी की है। वर्ष 2009 के इस ऑस्कर समारोह की मेजबानी ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता ह्यू जैकमैन ने की। 40 वर्षीय जैकमैन ने इससे पहले ऑस्कर समारोह का संचालन नहीं किया। पिछले कुछ वर्षों से ऑस्कर समारोह की मेजबानी आम तौर पर कोई मशहूर कॉमिडियन या कॉमिक अभिनेता करता आया है और ह्यू जैकमैन का चयन एक अलग पहल मानी जा रही है। पिछले वर्ष ऑस्कर आयोजन का संचालन जॉन स्टीवर्ट ने किया था जो व्यंग कार्यक्रम द डेली शो के मेज़बान हैं।

सबसे लंबा ऑस्कर भाषण

ऑस्कर जीतने के बाद सबसे लंबी स्पीच देने का रिकॉर्ड गरीर गार्सन के नाम है जिन्होंने 1943 में पांच मिनट से ज़्यादा का भाषण दिया था जबकि जॉन मिल्स ने सबसे छोटी स्पीच दी- उन्होंने कुछ कहा ही नहीं।

सबसे कम उम्र की विजेता

टेटम ओ नील ने महज दस साल की उम्र में सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का पुरस्कार जीता था। जबकि छह वर्षीय शर्ली टेंपल को ऑनोररी ऑस्कर पुरस्कार दिया गया था।


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