उदित नारायण का फ़िल्मी कॅरियर

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उदित नारायण का फ़िल्मी कॅरियर
उदित नारायण
पूरा नाम उदित नारायण झा
जन्म 1 दिसम्बर, 1955,
जन्म भूमि नेपाल
पति/पत्नी दीपा नारायण
संतान आदित्य नारायण
कर्म भूमि मुंबई
कर्म-क्षेत्र गायक, संगीतकार
मुख्य फ़िल्में दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान,
पुरस्कार-उपाधि भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित
प्रसिद्धि गायक, संगीतकार
नागरिकता भारतीय
अद्यतन‎

उदित नारायण झा ने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया। उदित नारायण ने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'राजा हिंदुस्तानी', 'हम दिल दे चुके सनम', 'लगान', 'स्वदेश' जैसी कई हिट फ़िल्मों के लिए गाने गाए। उदित नारायण को साल 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था। उदित नारायण की जादू भरी आवाज ने उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड का खिताब दिलाया है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार मिला है जिसमें साल 2002 में फ़िल्म “लगान” के गाने 'मितवा.. दूसरी बार फ़िल्म “जिंदगी खूबसूरत है” के गाने 'छोटे-छोटे सपने... और तीसरी बार फ़िल्म “स्वदेश” के गाने 'यह तारा वह तारा.. के लिए उन्हें यह खिताब दिया गया। इसके साथ ही उन्हें पांच बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फ़िल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया है। उन्हें यह अवार्ड फ़िल्म 'कयामत से कयामत तक', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'राजा हिंदुस्तानी', 'हम दिल दे चुके सनम', 'लगान' जैसे सुपरहिट फ़िल्मों के लिए मिले। साथ ही उनकी झोली में और भी कई पुरस्कार शामिल हैं। उदित नारायण अब तक 30 भाषाओं में करीब 15 हजार गीत गा चुके हैं।[1]

टीवी कॅरियर

उदित ने अपने टीवी कॅरियर की शुरुआत इंडियन आइडल सीजन 3 से की थी। इस सीजन में उनके साथ शो में अनु मलिक और अलीशा चिनॉय भी नजर आयीं थी। उसके बाद सोनी टीवी के वॉर परिवार में जज के तौर पर नजर आ चुके हैं। नेपाली फिल्म में उन्होंने बहुत हीट गाने गाए है। और उनका गीत अधिकतर लोगो को पसंद है। उनका स्वर में जादू है। वे किशोर अबस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो की आज इस मुकाम पर है पूरे हिन्दी सिनेमा में उनको एक बेहत्तर गायक माना जाता है। नेपाल में उनके स्वर की तुलना किसी गायक से भी नहीं की जा सकती है। 90 के दशक में कुछ गिने चुने गायकों की ही आवाज़ सुनाई देती थी जिनमें से एक उदित भी थे। लेक‍िन साल 2008 में फ़िल्म 'टशन' में गाए उनके गाने 'फ़लक तक चल साथ मेरे' के बाद उन्होनें किसी बड़ी फ़िल्म में लीड गाना नहीं गाया है। उनकी गायकी में कुछ वक़्त से लगे इस ब्रेक पर वो कहते हैं, “यह ब्रेक तो भगवान की मर्ज़ी है। 25 सालों तक गाने के बाद अब दूसरे गायकों को लोग मौक़े दे रहे हैं तो इसमें बुरा क्या है?" नेपाल और भारत के बॉर्डर के एक छोटे से गाँव में पैदा हुए उद‍ित को रेड‍ियो से शुरू से लगाव था। किसान परिवार से आए उदित को गाने में लाने के लिए रेेडियो ही ज़िम्मेदार था, "उस समय लोगों के पास रेड‍ियो ही हुआ करते थे और जब भी वह उसमें गाना सुनते तो सोचते कि इस छोटे से बक्‍से के अंदर लोग कैसे चले जाते हैं। रेडियो के 100 रूपयों से ही उन्होंने इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की और इसी दौरान भारत सरकार की ओर से उनको संगीत की छात्रवृत्‍त‍ि मिली और वह भारत आ गये।" उदित नारायण की कामयाबी का सुरीला सफर आज भी जारी है। आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार या फिर रितिक रोशन, यह कहना गलत न होगा कि सभी ने उदित नारायण की आवाज के साथ कामयाबी की सीढियां चढ़ीं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 उदित नारायण झा (हिन्दी) hindi.filmibeat.com। अभिगमन तिथि: 8 अगस्त, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

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