अश्क कैसे बहाऊँ? -वंदना गुप्ता

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अश्क कैसे बहाऊँ? -वंदना गुप्ता
वंदना गुप्ता
कवि वंदना गुप्ता
मुख्य रचनाएँ 'बदलती सोच के नए अर्थ', 'टूटते सितारों की उड़ान', 'सरस्वती सुमन', 'हृदय तारों का स्पंदन', 'कृष्ण से संवाद' आदि।
विधाएँ कवितायें, आलेख, समीक्षा और कहानियाँ
अन्य जानकारी वंदना जी के सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं, जैसे- कादम्बिनी, बिंदिया, पाखी, हिंदी चेतना, शब्दांकन, गर्भनाल, उदंती, अट्टहास, आधुनिक साहित्य, नव्या, सिम्पली जयपुर आदि के अलावा विभिन्न ई-पत्रिकाओं में रचनाएँ, कहानियां, आलेख आदि प्रकाशित हो चुके हैं।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
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वंदना गुप्ता की रचनाएँ
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तेरी याद में
जब अश्कों का 
दरिया बहता था
तब अंतस में
बैठा तू ही तो तड़पता था
आज तेरा ये अंदाज़ समझ आया है
जब मैं और तू दो रहे ही नहीं 
जब तू ही वजूद में समाया है 
हर ओर तेरा ही नूर समाया है
 
जहाँ मेरा "मैं" न नज़र आता है
जब एकत्व को
अस्तित्व प्राप्त हो गया है
फिर बता साँवरे
अश्क अब
कैसे बहाऊँ?
तुझे अब कैसे

और तडपाऊँ?


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