अमोघवर्ष तृतीय

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अमोघवर्ष तृतीय अथवा 'वड्डिग' राष्ट्रकूट शासक अमोघवर्ष द्वितीय के पौत्र का दूसरा पुत्र था।

  • वह गोविन्द चतुर्थ के बाद 934 ई. में राष्ट्रकूट वंश का राजा बना और पाँच वर्ष (934-939 ई.) राज्य किया।
  • उसके शासन काल में दक्षिण के राष्ट्रकूटों और सुदूर दक्षिण के चोल राजाओं के मध्य शत्रुता आरम्भ हो गयी।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 15 |

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