अनूरु

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Disamb2.jpg अनूरु एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अनूरु (बहुविकल्पी)


शब्द संदर्भ
हिन्दी जिसकी जंघा न हो, बिना जाँघों वाला, जंघारहित, जिसकी जंघाएँ बेकार हों या बेकार कर दी गयी हों, अरुणोदय, उषा-काल, भोर, तड़का।
-व्याकरण    विशेषण, पुल्लिंग
-उदाहरण   सूर्य का सारथि अरुण अनूरु है।
-विशेष   
-विलोम   
-पर्यायवाची    अजंघ, आदित्य, केतु, काश्यप, महा सारथी, रवि सारथी, विनता सुत, सूर्य सारथी।
संस्कृत अन्+ऊरु
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश


अनूरु (विशेषण) [नास्ति अरु यस्य, न. ब.]

  • जिसके जंघा न हो,-रुः (पुल्लिंग) सूर्य का सारथि अरुण (जिसका जंघा रहित होने का वर्णन पाया जाता है) उपा, दे. अरुण।[1]


सम.-सारथि (पुल्लिंग) सूर्य (अनूरु जिसका सारथि है);-गतं तिरश्चीनमनूरूसारथे:- शि. 1/2


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 51 |