अतिथि संविभाग

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अतिथि संविभाग जैन शास्त्र के अनुसार 4 शिक्षा मित्रों में से एक व्रत है। इसमें बिना अतिथि को भोजन दिए भोजन करना निषिद्ध है। इसके 5 अतिचार बताए गए हैं-

  1. सचित्त निक्षेप
  2. सचित्त पीहण
  3. कालातिचार
  4. परव्यपदेश मत्सर
  5. अन्योपदेश।

जैन धर्म के अंतर्गत अतिथि संविभाग शब्द का प्रयोग हिन्दी साहित्य में किया गया है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • पुस्तक- पौराणिक कोश |लेखक- राणा प्रसाद शर्मा | पृष्ठ संख्या- 561

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