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[[चित्र:King-priest-mohenjo-daro.jpg|thumb|150px|प्रधान अनुष्ठानकर्ता मोहनजोदाड़ो 2000 ई.पू.]]
 
हड़प्पा 6000-2600 ईसा पूर्व की एक सुव्यवस्थित नगरीय सभ्यता थी। [[मोहनजोदड़ो]], मेहरगढ़ और लोथल की ही श्रृंखला में हड़प्पा में भी पुर्रात्तव उत्खनन किया गया। यहाँ मिस्त्र और मैसोपोटामिया जैसी ही प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है। इसकी खोज 1920 में की गई। वर्तमान में यह पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है। सन 1857 में लाहौर मुल्तान रेलमार्ग बनाने में हड़प्पा नगर की ईटों का इस्तेमाल किया गया जिससे इसे बहुत नुक़सान पहुँचा।
 
हड़प्पा 6000-2600 ईसा पूर्व की एक सुव्यवस्थित नगरीय सभ्यता थी। [[मोहनजोदड़ो]], मेहरगढ़ और लोथल की ही श्रृंखला में हड़प्पा में भी पुर्रात्तव उत्खनन किया गया। यहाँ मिस्त्र और मैसोपोटामिया जैसी ही प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है। इसकी खोज 1920 में की गई। वर्तमान में यह पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है। सन 1857 में लाहौर मुल्तान रेलमार्ग बनाने में हड़प्पा नगर की ईटों का इस्तेमाल किया गया जिससे इसे बहुत नुक़सान पहुँचा।
 
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चित्र:Stone-Tools-mohenjo-daro.jpg|पत्थर के औज़ार मोहनजोदाड़ो
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चित्र:Dancing-girl-mohenjo-daro.jpg|नृत्यांगना मोहनजोदाड़ो 2500 ई.पू.
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प्रधान अनुष्ठानकर्ता मोहनजोदाड़ो 2000 ई.पू.

हड़प्पा 6000-2600 ईसा पूर्व की एक सुव्यवस्थित नगरीय सभ्यता थी। मोहनजोदड़ो, मेहरगढ़ और लोथल की ही श्रृंखला में हड़प्पा में भी पुर्रात्तव उत्खनन किया गया। यहाँ मिस्त्र और मैसोपोटामिया जैसी ही प्राचीन सभ्यता के अवशेष मिले है। इसकी खोज 1920 में की गई। वर्तमान में यह पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है। सन 1857 में लाहौर मुल्तान रेलमार्ग बनाने में हड़प्पा नगर की ईटों का इस्तेमाल किया गया जिससे इसे बहुत नुक़सान पहुँचा।

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