"पल पल दिल के पास तुम रहती हो" के अवतरणों में अंतर
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
|पाठ 2= | |पाठ 2= | ||
|अन्य जानकारी= | |अन्य जानकारी= | ||
− | |बाहरी कड़ियाँ= | + | |बाहरी कड़ियाँ=[http://www.google.co.in/music/album?n=Hum-Sab-Ustad-Hain&id=20100520134546_jb8wid1yon10 पल पल दिल के पास, तुम रहती हो(गूगल म्यूज़िक ऑनलाइन)] |
}} | }} | ||
<poem> | <poem> | ||
पंक्ति 51: | पंक्ति 51: | ||
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो</poem> | पल पल दिल के पास, तुम रहती हो</poem> | ||
==बाहरी कडियाँ== | ==बाहरी कडियाँ== | ||
− | * [http://www.youtube.com/watch?v=BDkDE7S_r18 पल पल दिल के पास, तुम रहती हो] | + | * [http://www.youtube.com/watch?v=BDkDE7S_r18 पल पल दिल के पास, तुम रहती हो(यू ट्यूब विडियो)] |
− | * [http://www.google.co.in/music/album?n=Hum-Sab-Ustad-Hain&id=20100520134546_jb8wid1yon10 पल पल दिल के पास, तुम रहती हो] | + | * [http://www.google.co.in/music/album?n=Hum-Sab-Ustad-Hain&id=20100520134546_jb8wid1yon10 पल पल दिल के पास, तुम रहती हो(गूगल म्यूज़िक ऑनलाइन)] |
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
11:05, 23 अप्रैल 2011 का अवतरण
फ़िल्म | ब्लैक मेल |
गायक | किशोर कुमार |
संगीतकार | कल्याणजी - आनंदजी |
गीतकार | राजेन्द्र कृष्ण |
अभिनेता | धर्मेन्द्र |
अभिनेत्री | राखी गुलज़ार |
वर्ष | 1973 |
बाहरी कड़ियाँ | पल पल दिल के पास, तुम रहती हो(गूगल म्यूज़िक ऑनलाइन) |
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
जीवन मीठी प्यास, ये कहती हो
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
हर शाम आँखों पर, तेरा आँचल लहराए
हर रात यादों की, बारात ले आए
मैं सांस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है
एक महका महका सा, पैगाम लाती है
मेरे दिल की धड़कन भी, तेरे गीत गाती है
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
कल तुझको देखा था, मैने अपने आंगन में
जैसे कह रहीं थी तुम, मुझे बाँध लो बन्धन में
ये कैसा रिश्ता है, ये कैसे सपने हैं
बेगाने हो कर भी, क्यूँ लगते अपने हैं
मैं सोच में रहता हूँ, डर डर के कहता हूँ
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
तुम सोचोगी क्यूँ इतना, मैं तुमसे प्यार करूं
तुम समझोगी दीवाना, मैं भी इक़रार करूं
दीवानों की ये बातें, दीवाने जानते हैं
जलने में क्या मज़ा है, परवाने जानते हैं
तुम यूँ ही जलाते रहना, आ आ कर ख़्वाबों में
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
जीवन मीठी प्यास, ये कहती हो
पल पल दिल के पास, तुम रहती हो
बाहरी कडियाँ
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ