छिमा बड़ेन को चाहिए -रहीम
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:15, 13 फ़रवरी 2016 का अवतरण ('<div class="bgrahimdv"> छिमा बड़ेन को चाहिए , छोटन को उतपात ।<br /> का ‘...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
छिमा बड़ेन को चाहिए , छोटन को उतपात ।
का ‘रहीम’ हरि को घट्यो, जो भृगु मारी लात ॥
- अर्थ
बड़े आदमियों को क्षमा शोभा देती है। भृगु मुनि ने विष्णु को लात मार दी, तो उससे उनका आदर कहाँ कम हुआ?
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख