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'''ईश्वर वर्मा''' [[कन्नौज]] के [[मौखरि वंश]] का तीसरा राजा था, जो छठी शताब्दी ई. के द्वितीय चतुर्थांश में राज्य करता था। इसका शासन कन्‍नौज तक ही सीमित रहा। वह अपने राज्य का अधिक विस्तार नहीं कर सका।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=57|url=}}</ref>
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'''ईश्वर वर्मा''' [[कन्नौज]] के [[मौखरि वंश]] का तीसरा राजा था। वह छठी शताब्दी ई. के द्वितीय चतुर्थांश में राज्य करता था। ईश्वर वर्मा का शासन केवल कन्‍नौज तक ही सीमित रहा। वह अपने राज्य का अधिक विस्तार नहीं कर सका।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=57|url=}}</ref>
  
*ईश्वर वर्मा को महाराज की पदवी प्राप्त थी।
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*अपने राज्य काल के दौरान ईश्वर वर्मा को महाराज की पदवी प्राप्त थी।
*उसने सम्भवत: [[गुप्त]] राजकुमारी उपगुप्ता से [[विवाह]] किया था।
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*सम्भवत: [[गुप्त]] राजकुमारी उपगुप्ता के साथ उसने [[विवाह]] किया था।
 
*[[ईशान वर्मा]] उसका पुत्र था, जो बाद में ईश्वर वर्मा का उत्तराधिकारी हुआ।
 
*[[ईशान वर्मा]] उसका पुत्र था, जो बाद में ईश्वर वर्मा का उत्तराधिकारी हुआ।
  

05:07, 29 नवम्बर 2012 का अवतरण

ईश्वर वर्मा कन्नौज के मौखरि वंश का तीसरा राजा था। वह छठी शताब्दी ई. के द्वितीय चतुर्थांश में राज्य करता था। ईश्वर वर्मा का शासन केवल कन्‍नौज तक ही सीमित रहा। वह अपने राज्य का अधिक विस्तार नहीं कर सका।[1]

  • अपने राज्य काल के दौरान ईश्वर वर्मा को महाराज की पदवी प्राप्त थी।
  • सम्भवत: गुप्त राजकुमारी उपगुप्ता के साथ उसने विवाह किया था।
  • ईशान वर्मा उसका पुत्र था, जो बाद में ईश्वर वर्मा का उत्तराधिकारी हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 57 |

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