"अज़ीम प्रेमजी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:उद्योगपति और व्यापारी (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
  
[[Category:नया पन्ना]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__
 +
 +
[[Category:उद्योगपति और व्यापारी]]

10:28, 6 अगस्त 2011 का अवतरण

अज़ीम प्रेमजी
  • पूरा नाम अज़ीम हाशम प्रेमजी, (अंग्रेज़ी:Azim Hashim Premji) (जन्म- 24 जुलाई, 1945 मुम्बई) बंगलोर स्थित विप्रो कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष, जो सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम का विकास और उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन करती है।
  • विश्व के पाँच सबसे धनी व्यक्तियों में से एक और अब तक के सबसे समृद्ध भारतीय माने जाने वाले प्रेमजी की 20वीं सदी के अन्त में अनुमानित निजी सम्पत्ति 35 बिलियन डॉलर थी।
  • प्रेमजी ने घी व तेल बनाने वाली कम्पनी को भारत की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों में से एक के रूप में तब्दील कर दिया।

आरंभिक जीवन

स्टेनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग स्नातक प्रेमजी 1966 ई. में अपने पिता की मृत्यु के बाद अपना पारिवारिक व्यवसाय, वेस्टर्न इण्डिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (विप्रो) सम्भालने के लिए भारत लौटे। उन्होंने उस समय प्रचलित व्यापारिक नियमों को अनदेखा करते हुए, औद्योगिक उत्पादन पर नियंत्रण रखने वाले नौकरशाहों की खुशामद करने के बजाए उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं और ज़रूरतों पर ध्यान दिया। सामान्य उत्पादों को भी उन्होंने आकर्षक पैकेजिंग के ज़रिए बेहतर बनाया और विप्रो के ब्रांड नाम के विकास पर ध्यान केन्द्रित किया। अपने उत्पाद का वितरण बिचौलियों से कराने के बजाए प्रेमजी ने सीधे वितरकों को करके अपने लाभांश को बढ़ाया। देश के कई पारिवारिक व्यापार प्रतिष्ठानों के विपरीत उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन तथा इंजीनियरिंग स्कूलों के स्नातकों को नौकरी पर रखा। बाद में उन्होंने नहाने के साबुन, बिजली के उपकरण, शिशु उत्पाद तथा वित्त के क्षेत्रों में भी क़दम रखा।

विप्रो की स्थापना

भारत सरकार द्वारा अमेरिकी कम्पनी इन्टरनेशनल बिज़नेस मशीन्स कॉर्पोरेशन (आई.बी.एम.) को भारत में अपनी गतिविधियाँ जारी रखने की अनुमति न दिए जाने पर दूरदर्शी प्रेमजी ने 1979 ई. में कम्प्यूटरों के क्षेत्र में पहल की। जल्द ही विप्रो ने स्वयं को सबसे बड़ी कम्प्यूटर निर्माता कम्पनियों में स्थापित कर लिया। बाद में प्रेमजी सॉफ़्टवेयर विकास की ओर मुड़े और इस उद्यम ने वित्त वर्ष 1998-99 ई. में विप्रो की 41.99 करोड़ डॉलर की वार्षिक बिक्री में 34 प्रतिशत का योगदान दिया।

सम्मान और पुरस्कार

विप्रो इनफ़ोटेक को कम्प्यूटर निर्माण में बेहतरीन गुणवत्ता के लिए 1999 ई. का गोल्डन पीकॉक नेशनल क्वालिटी अवॉर्ड दिया गया। प्रेमजी को उनकी दूरदृष्टि, उत्तम नेतृत्व, असाधारण उपलब्धियों तथा दृढ़ निश्चय के लिए गोल्डन पीकॉक बिज़नेस लीडरशिप अवॉर्ड दिया गया।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख