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{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
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#REDIRECT [[राम नरेश यादव]]
|चित्र=Ram-Naresh-Yadav.jpg
 
|चित्र का नाम=रामनरेश यादव
 
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|जन्म=[[1 जुलाई]], [[1928]]
 
|जन्म भूमि=[[आजमगढ़]], [[उत्तर प्रदेश]]
 
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|मृत्यु स्थान=
 
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|अविभावक=गया प्रसाद ([[पिता]]), भागवन्ती देवी ([[माता]])
 
|पति/पत्नी=अनारी देवी ऊर्फ शांति देवी
 
|संतान=तीन पुत्र तथा पाँच पुत्रियाँ
 
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|पार्टी=जनता पार्टी, [[कांग्रेस]]
 
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|अद्यतन=5:30, 22 सितम्बर-2012 (IST)
 
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'''रामनरेश यादव''' (जन्म- [[1 जुलाई]], [[1928]], [[उत्तर प्रदेश]]) भारतीय राजनीति में एक राजनेता के रूप में जाना-पहचाना नाम है। एक शिक्षक और एक अधिवक्ता के रूप में सामाजिक रूप से प्रगति करते हुए रामनरेश यादव आगे चलकर एक ईमानदार और मूल्यों की राजनीति करने वाले आम आदमी के मददगार और एक दिग्गज राजनीतिज्ञ कहलाए। पेशे से वकील श्री यादव राजनारायण के विचारों से प्रभावित होकर 'जनता पार्टी' से जुड़े। [[1977]] में [[आजमगढ़]] [[लोकसभा]] सीट से जीतकर वे छठवीं लोकसभा के सदस्य बने। इसी दौरान वह [[23 जून]], 1977 को उत्तर प्रदेश के [[मुख्यमंत्री]] बने और इस पद पर [[15 फरवरी]], [[1979]] तक रहे। बाद में श्री यादव [[कांग्रेस]] पार्टी से जुड़े और संगठन में विभिन्न पदों पर भी रहे।
 
==जन्म तथा परिवार==
 
रामनरेश यादव का जन्म 1 जुलाई, 1928 ई. को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, ज़िले के गाँव आँधीपुर (अम्बारी) में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। इनका बचपन खेत-खलिहानों से होकर गुजरा। इनकी [[माता]] भागवन्ती देवी एक साधारण और धार्मिक विचारों वाली गृहिणी थीं और [[पिता]] गया प्रसाद जी [[महात्मा गांधी]], [[पंडित जवाहरलाल नेहरू]] और [[डॉ. राममनोहर लोहिया]] के अनुयायी थे। रामनरेश यादव के पिता प्राइमरी पाठशाला में अध्यापक थे तथा सादगी और ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे। यादव को देशभक्ति, ईमानदारी और सादगी की शिक्षा अपने पिता से ही विरासत स्वरूप प्राप्त हुई थी। रामनरेश यादव का भारतीय राजनीति में अपना विशिष्ट स्थान है। स्वदेशी एवं स्वावलंबन आपके जीवन का आदर्श रहा है। इनके बहुमुखी कृतित्व एवं व्यक्तित्व के कारण ही ये 'बाबूजी' के नाम से भी जाने जाते हैं।<ref name="mcc">{{cite web |url=http://www.mpinfo.org/mpinfonew/hindi/governor/aboutgov.asp |title=रामनरेश यादव |accessmonthday=22 सितम्बर |accessyear= 2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
 
====शिक्षा====
 
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के विद्यालय में ही हुई और इन्होंने हाईस्कूल की शिक्षा आजमगढ़ के मशहूर 'वेस्ली हाई स्कूल' से प्राप्त की। इन्टरमीडिएट, 'डी.ए.वी. कॉलेज', [[वाराणसी]] से और बी.ए., एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री '[[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]]', वाराणसी से प्राप्त की। उस समय प्रसिद्ध समाजवादी चिन्तक एवं विचारक आचार्य नरेन्द्र देव 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय' के कुलपति थे। विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं जनक [[पंडित मदनमोहन मालवीय]] के गीता पर उपदेश तथा [[भारत]] के पूर्व [[राष्ट्रपति]] एवं तत्कालीन प्रोफ़ेसर [[राधाकृष्णन]] के भारतीय दर्शन पर व्याख्यान की गहरी छाप रामनरेश यादव के विद्यार्थी जीवन में पड़ गई थी।
 
 
 
रामनरेश यादव ने अपनी स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात वाराणसी में 'चिन्तामणि एंग्लो बंगाली इन्टरमीडिएट कॉलेज' में प्रवक्ता के पद पर तीन वर्षों तक सफल शिक्षक के रूप में कार्य किया। इन्होंने 'पट्टी नरेन्द्रपुर इंटर कॉलेज, [[जौनपुर]] में भी कुछ समय तक प्रवक्ता पद पर कार्य किया। अपनी क़ानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद सन [[1953]] में उन्होंने आजमगढ़ में वकालत प्रारम्भ की और अपनी कर्मठता तथा ईमानदारी के बल पर अपने पेशे तथा आम जनता में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया।
 
====विवाह====
 
रामनरेश यादव का [[विवाह]] सन [[1949]] में ग्राम करमिसिरपुर (मालीपुर), [[अम्बेडकर नगर ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] निवासी राजाराम यादव की पुत्री सुश्री अनारी देवी ऊर्फ शांति देवी के साथ सम्पन्न हुआ था। इस विवाह से रामनरेश यादव तीन पुत्र और पाँच पुत्रियों के पिता बनें।<ref name="mcc"/>
 
==समाजवादी आन्दोलन==
 
श्री यादव ने छात्र जीवन से ही समाजवादी आन्दोलन में शामिल होकर अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन की शुरुआत की। "आजमगढ़ के गांधी" कहे जाने वाले बाबू विश्राम राय का आपको भरपूर सानिध्य मिला। रामनरेश यादव ने राष्ट्रपिता [[महात्मा गांधी]] और [[डॉ. राममनोहर लोहिया]] के विचारों को अपना आदर्श माना। उन्होंने समाजवादी विचारधारा के अन्तर्गत विशेष रूप से जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धान्त, बढ़े नहर रेट, किसानों की लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी एवं खर्च की सीमा बांधने, वास्तविक रूप से ज़मीन जोतने वालों को उनका अधिकार दिलाने, [[अंग्रेज़ी]] हटाओ आदि आन्दोलनों को लेकर अनेकों बार अपनी गिरफ्तारियाँ दीं। आपात काल के दौरान ये मीसा और डी.आई.आर. के अधीन [[जून]], [[1975]] से [[फरवरी]], [[1977]] तक आजमगढ़ जेल और केन्द्रीय कारागार नैनी, [[इलाहाबाद]] में निरूद्ध रहे।
 
====विभिन्न पदों पर कार्य====
 
अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में रामनरेश यादव विभिन्न दलों एवं संगठनों तथा संस्थाओं से संबद्ध रहे। [[राज्य सभा]] सदस्य तथा संसदीय दल के उपनेता भी रहे। आप 'अखिल भारतीय राजीव ग्राम्य विकास मंच', 'अखिल भारतीय खादी ग्रामोद्योग कमीशन कर्मचारी यूनियन' और 'कोयला मजदूर संगठन कांग्रेस' के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ग्रामीणों और मजदूर तबके के कल्याण के लिये लम्बे समय तक संघर्षरत रहे। '[[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]]' में एक्सिक्यूटिव कॉसिंल के सदस्य भी थे। 'अखिल भारतीय अन्य पिछड़ा वर्ग' (ओ.बी.सी.) 'रेलवे कर्मचारी महासंघ' के आप राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने और 'जनता इंटर कालेज', अम्बारी, [[आजमगढ़]] के प्रबंधक तथा अनेकों शिक्षण संस्थाओं के संरक्षक भी बने। रामनरेश यादव 'गांधी गुरुकुल इन्टर कालेज', भंवरनाथ, आजमगढ़ के प्रबंध समिति के अध्यक्ष हैं।<ref name="mcc"/>
 
 
 
==कांग्रेस के सदस्य==
 
रामनरेश यादव [[23 जून]], [[1977]] को [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[मुख्यमंत्री]] निर्वाचित हुए थे। मुख्यमंत्रित्व काल में आपने सबसे अधिक ध्यान आर्थिक, शैक्षणिक तथा सामाजिक दृष्टि से पिछड़े लोगों के उत्थान के कार्यों पर दिया तथा गांवों के विकास के लिये समर्पित रहे। आपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप उत्तर प्रदेश में 'अन्त्योदय योजना' का शुभारम्भ किया। श्री यादव सन [[1988]] में [[संसद]] के उच्च सदन [[राज्य सभा]] के सदस्य भी बने। इन्होंने [[12 अप्रैल]], [[1989]] को राज्य सभा के अन्दर डिप्टी लीडरशिप, पार्टी के महामंत्री एवं अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[राजीव गांधी]] के नेतृत्व में [[कांग्रेस]] की सदस्यता ग्रहण कर ली।
 
====योगदान====
 
मानव संसाधन विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति के पहले अध्यक्ष के रूप में रामनरेश यादव ने स्वास्थ्य, शिक्षा और [[संस्कृति]] के चहुंमुखी विकास को दिशा देने संबंधी रिपोर्ट सदन में पेश की। केन्द्रीय जन संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत गठित [[हिन्दी भाषा]] समिति के सदस्य के रूप में आपने महत्वपूर्ण योगदान दिया। [[वित्त मंत्रालय]] की महत्वपूर्ण नारकोटिक्स समिति के सदस्य के रूप में सीमावर्ती राज्यों में नशीले पदार्थों की खेती की रोकथाम की पहल इन्होंने की। 'प्रतिभूति घोटाले' की जांच के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य के रूप में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 'पब्लिक एकाउंट कमेटी' (पी.ए.सी.), 'संसदीय सलाहकार समिति' (गृह विभाग), 'रेलवे परामर्शदात्री समिति' और 'दूरभाष सलाहकार समिति' के सदस्य के रूप में आप कार्यरत रहे। श्री यादव कुछ समय तक [[कृषि]] की स्थाई संसदीय समिति के सदस्य तथा 'इंडियन काँसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च' की जनरल बाडी तथा गवर्निंग बाडी के सदस्य भी रहे। इन्होंने [[लखनऊ]] में 'अम्बेडकर विश्वविद्यालय' को 'केन्द्रीय विश्वविद्यालय' का दर्जा दिलाने में काफ़ी योगदान दिया।<ref name="mcc"/>
 
 
 
==राजनीतिक सफर==
 
 
 
रामनरेश यादव ने अपनी लम्बी राजनीतिक पारी में कई महत्त्वपूर्ण पड़ावों को स्पर्श किया है-
 
#सन [[1977]] में उन्होंने [[आजमगढ़]] ([[उत्तर प्रदेश]]) से छठी [[लोकसभा]] का प्रतिनिधित्व किया।
 
#[[23 जून]], 1977 से [[15 फरवरी]], [[1979]] तक वे उत्तर प्रदेश के [[मुख्यमंत्री]] रहे।
 
#1977 से 1979 तक निधौली कलां ([[एटा]]) का [[विधान सभा]] में आपने प्रतिनिधित्व किया तथा [[1985]] से [[1988]] तक शिकोहाबाद ([[फ़िरोजाबाद]]) से विधायक रहे।
 
#रामनरेश यादव 1988 से [[1994]] तक (लगभग तीन माह छोड़कर) उत्तर प्रदेश से [[राज्य सभा]] सदस्य रहे और [[1996]] से [[2007]] तक फूलपुर, आजमगढ़ का विधान सभा में प्रतिनिधित्व किया।
 
#उन्होंने दिनांक [[8 सितम्बर]], [[2011]] को अपरान्ह सवा एक बजे [[मध्य प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] पद की शपथ ग्रहण की।<ref name="mcc"/>
 
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==संबंधित लेख==
 
{{उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री}}{{छठी लोकसभा सांसद}}
 
[[Category:लोकसभा]][[Category:लोकसभा_सांसद]][[Category:छठी लोकसभा सांसद]][[Category:उत्तर प्रदेश के लोकसभा सांसद]][[Category:चरित कोश]][[Category:राजनीतिज्ञ]][[Category:मुख्यमंत्री]][[Category:राज्यपाल]][[Category:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री]][[Category:मध्य प्रदेश के राज्यपाल]][[Category:राजनीति_कोश]]
 
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12:17, 13 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

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