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|विशेष=उन्मत्तपञ्चक (उन्मत्तपंचक)- (आयुर्वेद) पाँच मादक पदार्थों- धतूरा, बकुची, भाँग, जावित्री और ख़सख़स-का समूह।
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जो कुछ है बस यही पास है, इसे चढ़ाने आई हूँ ।
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|पर्यायवाची=आविष्ट, उत्कट, उन्मादग्रस्त, उन्मादी, जुनूनी, धुनी, पागल, प्रमादी, बौखलाया बौराया, भावोन्मत्त, क्षिप्त, गहेला, दीवाना, वातुल, हावला।
 
|पर्यायवाची=आविष्ट, उत्कट, उन्मादग्रस्त, उन्मादी, जुनूनी, धुनी, पागल, प्रमादी, बौखलाया बौराया, भावोन्मत्त, क्षिप्त, गहेला, दीवाना, वातुल, हावला।

05:50, 23 जून 2011 के समय का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी जिसे उन्माद हो, पागल नशीला पदार्थ खाने/पीने से जिसकी बुद्धि बिगड़ गयी हो, जिसकी बुद्धि या मति में किसी प्रकार का विकार हो गया हो, मादक पदार्थ के सेवन से जिसका मानसिक संतुलन बहुत बिगड़ गया हो या बिल्कुल नष्ट हो गया हो, भूत, प्रेत, आदि के आवेश से युक्त, जो किसी प्रकार के आवेश (जैसे—अभिमान, क्रोध आदि) से भरकर मानसिक दृष्टि से उक्त स्थिति में पहुँच गया हो, धतूरा, मुचकुंद का पेड़, बकुची, भंग, जावित्री तथा ख़सख़स इन पाँच मादक द्रव्यों का समूह।
-व्याकरण    विशेषण पुल्लिंग
-उदाहरण  

मैं उन्मत्त प्रेम की लोभिन, हृदय दिखाने आई हूँ ।
जो कुछ है बस यही पास है, इसे चढ़ाने आई हूँ ।

-विशेष    उन्मत्तपञ्चक (उन्मत्तपंचक)- (आयुर्वेद) पाँच मादक पदार्थों- धतूरा, बकुची, भाँग, जावित्री और ख़सख़स-का समूह।
-विलोम   
-पर्यायवाची    आविष्ट, उत्कट, उन्मादग्रस्त, उन्मादी, जुनूनी, धुनी, पागल, प्रमादी, बौखलाया बौराया, भावोन्मत्त, क्षिप्त, गहेला, दीवाना, वातुल, हावला।
संस्कृत उद्+मत्त
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
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